कैबिनेट ने बैठक में लिया फैसला, देशभर करोड़ों के करोड़ों श्रद्धालुओं को होगा फायदा
नई दिल्ली/चंडीगढ़ (रोजाना भास्कर)। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को उत्तराखंड में दो अहम रोपवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। पहला प्रोजेक्ट समुद्र तल से 11,968 फीट ऊपर स्थित केदारनाथ धाम का है। इसमें सोनप्रयाग से केदार धाम तक ट्राई केबल डिटेचेबल गोंडोला (थ्रीएस) तकनीक पर रोपवे बनेगा। केदारनाथ की यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है, जो केदार मंदिर से 16 किमी पहले है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड 5 किमी दूर है। यानी कुल 21 किमी का सफर गोंडोला से होगा। अभी यह दूरी तय करने में 8-9 घंटे लग जाते हैं। गोंडोला से महज 36 मिनट लगेंगे।
कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि दूसरा प्रोजेक्ट 15 हजार फीट ऊपर स्थित सिखों के धर्मस्थल हेमकुंड साहिब तक रोपवे का है। इसे गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनाएंगे, जो 12.4 किमी लंबा होगा। अभी श्रद्धालु गोविंदघाट से 21 किमी की कठिन चढ़ाई पैदल, खच्चर या पालकी से करते हैं। दोनों रोपवे बनने के बाद केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब हर मौसम में जा सकेंगे। दोनों प्रोजेक्ट पर कुल 6811 करोड़ रु. खर्च होंगे।
4-6 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट, केदारनाथ मंदिर
• हर घंटे 1800, एक दिन में 18 हजार यात्री सफर करेंगे। • पिछले वर्ष 23 लाख श्रद्धालु पहुंचे। रोपवे के बाद संख्या 36 लाख पहुंच सकती है।
हेमकुंड साहिब रोपवे से जुड़ेगा
प्रस्तावित प्रोजेक्ट के तहत गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) तक मोनोकेबल डिटेचेबल गोंडोला रोपवे बनेगा। फिर घांघरिया से हेमकुंड साहिब (1.85 किमी) तक श्रीएस गोंडोला होगा। इससे हर घंटे 1100 यात्री सफर करेंगे यानी रोज 11 हजार। रास्ते में तीर्थयात्रियों को विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी का नजारा दिखेगा।