शहीद उधम सिंह की स्मृति को समर्पित विश्वविद्यालय की वेबसाइट की लांच, शैक्षणिक सत्र जुलाई 2026 से होगा शुरू

सिरसा ज़िले के संघर सरिस्ता गाँव के प्रमुख तीर्थस्थल बाबा भूमण शाह जी से हरसंभव सहयोग का वादा

लुधियाना (रोजाना भास्कर, समाचार संवाददाता): पंजाब के लुधियाना ज़िले में शहीद उधम सिंह की स्मृति को समर्पित ‘शहीद उधम सिंह स्किल डेवेलपमेंट एंड एंट्रेप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी पंजाब’ की स्थापना की जाएगी।

 इस विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में पंजाब सरकार द्वारा 29 अगस्त, 2025 को की गई औपचारिक घोषणा के बाद, 11 अक्टूबर, 2025 को हरियाणा राज्य के सिरसा ज़िले के संघर सरिस्ता गाँव के प्रमुख तीर्थस्थल बाबा भूमण शाह जी की तपोस्थली पर विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों एवं शासी परिषद के सदस्यों की एक बैठक आयोजित की गई।

बैठक का उद्घाटन विश्वविद्यालय के मुख्य संरक्षक एवं बाबा भूमण शाह धाम के 12वें गद्दी नशीन बाबा ब्रह्मदास जी के आशीर्वाद से हुआ। इस अवसर पर शासी परिषद, प्रारूप समिति, आईटी एवं वेब समिति तथा विषय-वस्तु समिति के सदस्यों ने भाग लिया।

बैठक की अध्यक्षता ‘शहीद उधम सिंह स्किल डेवेलपमेंट एंड एंट्रेप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी’ के संस्थापक कुलपति एवं कंबोज फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. संदीप सिंह कौरा ने की।

बैठक के आरंभ में, गवर्निंग काउंसिल के महासचिव ने इस वर्ष 29 अगस्त से गठित विभिन्न समितियों द्वारा किए जा रहे कार्यों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की और विश्वविद्यालय के भविष्य के लक्ष्यों की जानकारी दी।

इस अवसर पर डॉ. कौढ़ा ने विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता हेतु धन संग्रह के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. कौरा ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय सरकार से औपचारिक स्वीकृति मिलने के बाद विश्वविद्यालय का पहला शैक्षणिक सत्र जुलाई 2026 में शुरू होगा।

डॉ. कौढ़ा ने विश्वविद्यालय की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विश्व का एक अनूठा विश्वविद्यालय है जो विश्व भर में रहने वाले काम्बोज समुदाय के सहयोग और एकता का प्रमाण दे रहा है, जिसकी हर ओर सराहना हो रही है।

इस अवसर पर बाबा ब्रह्मदास जी ने विश्वविद्यालय की जानकारी वैश्विक स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट का शुभारंभ किया। इस अवसर पर बाबा ब्रह्मदास जी ने उपस्थित सदस्यों को संदेश देते हुए कहा कि शहीद उधम सिंह जी की स्मृति को समर्पित और कौशल शिक्षा के प्रसार हेतु काम्बोज समुदाय द्वारा की जा रही यह पहल अद्वितीय एवं अत्यंत सराहनीय है।

उन्होंने यह भी कहा कि हमारी विरासत के महान शहीदों की स्मृति को समर्पित यह विश्वविद्यालय नई पीढ़ी में अच्छे चरित्र का निर्माण और देशभक्ति की भावना का संचार करेगा। इसके साथ ही, वैश्वीकरण के वर्तमान तकनीकी युग में युवाओं को समय-समय पर प्रशिक्षित एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से कुशल बनाकर भारत राष्ट्र की प्रगति में योगदान देगा। बाबा ब्रह्मदास जी ने विश्वविद्यालय की स्थापना एवं विकास हेतु अपना पूर्ण सहयोग देने का वचन दिया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रारूप समिति के अध्यक्ष एवं चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के वर्तमान कुलपति डॉ. बी.आर. काम्बोज, उपस्थित टीम की सदस्य डॉ. किरण काम्बोज ने कहा कि विश्वविद्यालय के संबंध में तैयार किया जा रहा अधिनियम लगभग पूर्ण हो चुका है, जिसमें कानूनी पहलू और भविष्योन्मुखी रचनात्मक सोच को ध्यान में रखा गया है।

इस अवसर पर शहीद उधम सिंह शोध एवं विषयवस्तु समिति के सदस्य एवं पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के शहीद उधम सिंह पीठ के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद इंद्रिस ने कहा कि वेबसाइट पर शहीद उधम सिंह के बारे में शोध पर आधारित ठोस जानकारी ही उपलब्ध कराई जाएगी।

डॉ. इंद्रिस ने कहा कि वे शासी परिषद द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाएंगे।

इस अवसर पर शासी परिषद के संयोजक मोहाली से बी.एस. धंजू ने कहा कि शहीद उधम सिंह से संबंधित विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं/ट्रस्टों और काम्बोज सभाओं का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कमरे और स्थान का उपयोग करने और हर प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के संरक्षक सदस्य केसर सिंह ढोट के अलावा सुनाम से प्रो. (डॉ.) बलविंदर सिंह थिंद, गवर्निंग काउंसिल की सदस्य तेजिंदर कौर थिंद, चंडीगढ़ से पंजाब राज्य औद्योगिक निगम के चेयरमैन और गवर्निंग काउंसिल के सदस्य जसबीर सिंह, सुनाम से हरविंदर सिंह कंबोज, विशेष निमंत्रण पर जालंधर से पहुंचे आईटी कमेटी के सदस्य गुरजीत कंबोज आदि ने इस बैठक में भाग लिया और यूनिवर्सिटी के भविष्य के लक्ष्यों के बारे में अपने विचार साझा किए।

इसके साथ ही, विश्वविद्यालय के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए गठित विभिन्न समितियों के सदस्य, जो आज इस बैठक में शामिल नहीं हो सके, ने व्हाट्सएप और ज़ूम मीटिंग के माध्यम से अपने रचनात्मक विचार साझा किए और आश्वासन दिया कि सौंपे गए कार्यों को समय पर पूरा किया जाएगा।