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अरविंद केजरीवाल-भगवंत मान आज जालंधर में दोनों CM से मीटिंग के लिए उद्योगपतियों ने कसी कमर; खेल यूनिवर्सिटी-इंस्पेक्टरी राज-नए फोकल पॉइंट पर घेरेंगे

रोज़ाना भास्कर जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब में बजट से पहले उद्योगपतियों की राय और सुझाव लेने के लिए पंजाब सरकार आज जालंधर में पहुंचेगी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल जालंधर के उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे। कारोबार में उन्हें आ रही समस्याओं के साथ-साथ उद्योग पॉलिसी पर चर्चा करेंगे।

जालंधर के उद्योगपतियों ने सरकार के मिलनी कार्यक्रम के पहले अपना मिलनी कार्यक्रम आयोजित किया और इंडस्ट्री में जो उन्हें दिक्कतें पेश आ रही हैं उन पर चर्चा की। उद्योगपति पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के समक्ष अपनी मांगें को रखेंगे ही साथ ही वह उन वादों की भी याद दिलाएंगे, जो सत्ता में आने से पहले आप द्वारा किए गए थे, लेकिन अभी पूरे नहीं हुए।

अभी तक नहीं खुली खेल यूनिवर्सिटी खेल उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने उद्योगपतियों से मुलाकात की और विजन डाक्यूमेंट तैयार करने के लिए उनसे सुझाव मांगे थे। इसी दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जालंधर की खेल इंडस्ट्री को बूस्ट करने के लिए यहां पर खेल यूनिवर्सिटी खोलने की गारंटी दी थी। लेकिन वह अभी तक नही खुल पाई है।

उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार ने वादा किया था कि राज्य में इंस्पेक्टरी राज खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन वह आज भी वैसे ही चल रहा है। जीएसटी की छापेमारी का क्रम लगातार जारी है। वैट का मुद्दा अब भी जस का तस है। वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी का आश्वासन दिया था लेकिन उसमें कोई प्रगति नहीं हुई। अब भी उद्योगपतियों को वैट के पुराने खातों के नोटिस मिल रहे हैं।

पीपीसीबी भी वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी जारी करे उद्योगपतियों का कहना है कि उद्योगों में उन्हें प्रदूषण नियंत्रण विभाग से मंजूरी लेने के लिए बार-बार धक्के खाने पड़ते हैं। उद्यमियों का कहना है कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण विभाग में भी वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी लागू करे। इसके अलावा जो रेड कैटेगरी के जो उद्योग हैं उनके लिए अलग से इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप करे। हालांकि नकोदर रोड पर जो जमीन देखी गई थी उस पर उद्योगपति सहमत नहीं थे।

नया फोकल पॉइंट विकसित किया जाए उद्योगपतियों का कहना है कि जिस तरह से इंडस्ट्री बढ़ रही है उसके लिए एक नए फोकल पॉइंट की आवश्यकता है। ताकि उद्योगों का विस्तारी करण हो सके। जो उद्योग रिहाइशी इलाकों में हैं उन्हें वहां से बाहर निकाला जा सके। खेल, रबड़, चप्पल, सैनिटरी का सामान बनाने वाले उद्योगों को थ्रस्ट इंडस्ट्री की कैटेगरी में डाला जाए।

कारोबारी आज सरकार के समक्ष पावरकॉम के नियम बदलने और उद्योगों को अनवरत बिना किसी कट के बिजली उपलब्ध करवाने की मांग भी करेंगे। उद्योगपतयों का कहना है कि पावरकॉम ने शाम को 6 बजे से लेकर रात को 10 बजे कर पीक ऑवर्स घोषित कर रखे हैं। इस दौरान यदि कोई उद्योग ज्यादा बिजली कन्ज्यूम करता है तो उसे 2 रुपए प्रति यूनिट जुर्माना लगाया जाता है।

उद्योगपतियों का कहना है कि इसी दौरान कुछ मशीनरी ऐसी है है जिसे रनिंग में रखना पड़ता है। उद्योगों में ही जो कामगार रहते हैं उनके घरों में बिजली देनी पड़ती है। दफ्तरों में बिजली का उपयोग होता है। उन्होंने कहा कि पावरकॉम के इस नियम को बदलने की जरूरत है।

 

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