नई दिल्ली. आज कई राज्यों में आदिवासी समूहों ने भारत बंद का आह्वान किया है। इन संगठनों की मांग है कि केंद्र सरकार उनके अधिकारों की रक्षा के लिए दो अध्या देश लेकर आए जिनपर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का असर पड़ा है। एक अध्यारदेश आदिवासियों के वन अधिकारों से संबंधित है जबकि दूसरा यूजीसी फैकल्टी के पदों में सही प्रतिनिधित्वन सुनिश्चित कराने को लेकर है। इस बंद को कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी भारत बंद का समर्थन करेंगे। इसके अलावा राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सकवादी-लेनिन) ने भी भारत बंद के समर्थन का निर्णय लिया है।
इस भारत बंद का प्रभाव भी दिखना शुरू हो गया है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रयागराज से लखनऊ जाने वाली गंगा गोमती एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया। लखनऊ में काम करने वाले कई कामकाजी लोग इस ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। भारत बंद के समर्थन में लालू प्रसाद यादव का ने ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अस्तित्व पर ख़तरा मंडरा रहा है। आदिवासियों की ज़मीने छिनी जा रही है। संविधान के साथ छेड़छाड़ कर वंचित वर्गों का आरक्षण समाप्त किया जा रहा है। दलितों पर उत्पीड़न बढ़ गया है। RSS की जातिवादी नीतियों को लागू किया जा रहा है।