शिमला. किन्नौर जिले के
नमज्ञा डोगरी नाले के पास हिमखंड में दबे सेना के पांच जवानों की खोज शुक्रवार को
दसवें दिन भी जारी रही। सेना के बचाव दल को लापता जवान का कोई पता नहीं चल पाया।
सेना के राहत व बचाव दल ने घटनास्थल से एक कलाई घड़ी बरामद की है। यह घड़ी एक
लापता जवान की बताई गई है। लेकिन दुखद बात यह है कि लापता जवानों का अभी तक कोई
पता नहीं चल पाया है। बचाव दल को इससे पहले घटनास्थल से एक मोबाइल भी मिला था, जो कि लापता
सैनिक नितिन राणा का था। पिछले दस दिनों से लापता जवानों का पता नहीं लगने पर इनके
परिजनों की चिंता बढ़ गई है और वे राज्य सरकार से बड़े रेस्कयू ऑपरेशन की मांग कर
रहे हैं।
सेना, बीआरओ व
आईटीबीवी के लगभग 250 जवानों के अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर के हिमखंड विशेषज्ञ बचाव
अभियान में जुटे हुए हैं। हिमखंड को काटने के लिए ड्रिल मशीनें, भेदन राडार और
डिटेक्टर इत्यादि आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। किन्नौर के उपायुक्त
गोपाल चंद ने शुक्रवार को बताया कि बचाव दलों ने आज दसवें दिन भी लापता सैनिकों की
खोज की। लेकिन उनका पता नहीं चल पाया। उन्होंने कहा कि बचाव दलों ने घटनास्थल से
लापता चल रहे एक जवान की कलाई घड़ी बरामद की है।
उल्लेखनीय है कि
बीते 20 फरवरी को नमज्ञा
डोगरी नाला में हिमखंड गिरने से भारतीय सेना के छह जवान इसकी चपेट में आ गए थे। ये
सभी जवान जैक राईफल्स के हैं जो अपनी पोस्ट के नजदीक ही पैट्रोलिंग डयूटी पर थे।
लापता पांच जवानों में विदेश चंद, गोविंद बहादुर, राजेश ऋषि, अर्जुन कुमार और नितिन राणा शामिल हैं। इनमें तीन हिमाचल प्रदेश, एक उतराखंड और
एक जम्मू-कश्मीर का है। हिमाचल के कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर का नितिन राणा, सोलन जिला के
नालागढ़ के जोंघों जगतपुर का राजेश ऋषि और कुल्लू जिला के निरमंड खंड के विदेश चंद
शामिल हैं, जबकि हिमाचल के
ही बिलासपुर के जवान राकेश कुमार को हादसे वाले दिन ही निकाल लिया गया था, लेकिन अस्पताल
ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई थी।