नई दिल्ली. पंजाब के वित्त राज्यमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि कहा कि केन्द्र और राज्य का रिश्ता संविधान से तय होता है और इस रिश्ते में पंजाब के साथ अन्याय नहीं होता। जो भी फंड मिलता है, वह वित्त आयोग की सलाह पर मिलता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का पंजाब के प्रति व्यवहार बहुत ही सही रहा है।
एक टीवी चेनल के कार्यक्रम दौरान मनप्रीन बादल ने कहा कि 1947 में पंजाब की बहुत बड़ी जनसंख्या को बंटवारे के चलते विस्थापित होना पड़ा। पंजाब में बड़ी संख्या पाकिस्तान से आने वाले प्रवासियों की है। इन सबके बावजूद 10 साल के अंदर पंजाब ने भाखड़ा नागल डैम, चंडीगढ़ जैसा आधुनिक शहर बनाने का काम किया।
इसके एक दशक के बाद पंजाब आतंकवाद की चपेट में आ गया। इसके चलते 80 और 90 के दशक में एक बार फिर बड़ी संख्या में पंजाब से लोगों का राज्य से बाहर अन्य राज्यों और अन्य देशों में शरण लेने की मजबूरी खड़ी हो गई। बड़ी संख्या में युवा दूसरे देशों में चले गए हैं। उनके द्वारा भेजे जाने वाले पैसे से काफी संपन्नता आई है।
जीएसटी से हुआ है नुकसान
उन्होंने कहा कि देश की कुल जमीन का बहुत मामूली हिस्सा होने के बावजूद पंजाब देश के 30 फीसदी खाद्यान्न का उत्पादन करता है। इसके बावजूद कि पंजाब का करीब 40 फीसदी इलाका तमाम तरह की समस्याओं से ग्रस्त रहता है। पंजाब को जीएसटी से काफी नुकसान हुआ है, लेकिन वित्त मंत्री होने के नाते मैं यह कहता हूं कि जो भी चुनौती हो हम पंजाब के लोग दस साल के भीतर उससे पार पा लेते हैं।
चुनावी है बजट
मनप्रीत बादल किसानों के लिए अंतरिम बजट में शुरू की गई योजनाओं पर कहा कि यह पूरी तरह से चुनावी है। बादल ने कहा कि मोदी सरकार की किस्मत अच्छी है कि उनकी सरकार बनने के बाद वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बेहद कम थी और इसके फायदा केन्द्र सरकार को मिला। एसओएस पंजाब के मंच से बादल ने कहा कि कच्चे तेल से केन्द्र सरकार को जो चार-पांच लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है उससे किसानों और लघु एवं मध्यम उद्योग को सहयोग करने की जरूरत थी।