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पंजाब में हड़ताली कर्मचारियों को सरकार की चेतावनी एस्मा लगाया जाएगा, CM बोले- दोबारा कलम पकड़ानी है या नहीं; ये फैसला हम करेंगे

रोज़ाना भास्कर जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब में हड़ताल करने वाले कर्मचारियों को सरकार ने चेतावनी दी है। अब हड़ताल करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (एस्मा) लगाया जाएगा। इसका ऐलान बुधवार को खुद राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किया।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा- हमें पता चला है कि पटवारी – कानूनगो रिश्वत के मामले में फंसे अपने एक साथी और DC दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी अपनी निजी मांगों को लेकर आने वाले दिनों में कलम छोड़ हड़ताल करने जा रहे हैं। मैं बताना चाहता हूं कि वह कलम छोड़ हड़ताल करें लेकिन बाद में उन्हें दोबारा कलम पकड़ानी है या नहीं? इसका फैसला सरकार करेगी।

उन्होंने लिखा कि हमारे पास बहुत पढ़े-लिखे बेरोजगार मौजूद हैं जो आपकी कलम पकड़ने के लिए तैयार बैठे हैं। पंजाब के लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

CM ने एक तरह से DC दफ्तरों और तहसीलों में पेन डाउन स्ट्राइक करने की तैयारी कर रहे कर्मचारियों को सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।

कर्मचारी कर चुके 11 से 13 तक कलम छोड़ हड़ताल की घोषणा पंजाब के DC और तहसील दफ्तरों में काम करने वाले मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने अपनी मांगों को लेकर 11 से लेकर 13 सितंबर तक कलम छोड़ हड़ताल की घोषणा कर रखी है। कर्मचारियों का कहना है कि AAP सरकार अपने वादों पर खरी नहीं उतरी। उनकी मांगों पर बार-बार पैनल मीटिंग का भरोसा दिया जाता है और ऐन मौके पर पीछे हट जाती है।

यूनियन का कहना है कि सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण कर्मचारियों के प्रमोशन अभी तक नहीं हो पाए हैं। यूनियन बार-बार सरकार को प्रोमोशन की लाइन में लगे कर्मचारियों की लिस्टें कई बार बैठकों में दे चुकी है। हर बार आश्वासन मिलता है कि जल्द फैसला हो रहा है, लेकिन होता कुछ नहीं है।

इसी तरह से कर्मचारियों को सेवाकाल के दौरान सर्विस के 4-9-14 साल की सर्विस का लाभ अभी तक फंसा हुआ है। इस पर भी सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। पहले यह लाभ मिलता था, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है।

मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना पर सरकार का अभी तक कोई स्पष्ट फैसला सामने नहीं आ पाया है। कर्मचारियों की मांग है कि ठेके पर काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। बकाया डीए उन्हें दिया जाए।

यूनियन बोली-धमकी देने की बजाय मुख्यमंत्री कर्मचारियों की बात सुने DC दफ्तर कर्मचारी यूनियन PMSU ने मुख्यमंत्री के बयान पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि सत्ता में आम आदमी पार्टी की सरकार कर्मचारियों के दम पर ही आई थी। इन्होंने जो वादे किए थे उस पर सरकार खरी नहीं उतरी है। यूनियन के प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल ने कहा कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों को धमकी देने की बजाय उनके साथ बैठ कर उनकी समस्याओं को सुने। कर्मचारियों की प्रोमोशन से लेकर पेंशन के मामले फंसे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि यूनियन ने 11 से 13 सितंबर तक कलम छोड़ हड़ताल की घोषणा की है जिस पर वह अटल हैं। सभी कर्मचारियों के परिवार मुख्यमंत्री की चेतावनी के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। वह सरकार से कोई नाजायज मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि अपना हक मांग रहे हैं। अभी उनकी हड़ताल के बीच 10 दिन से ज्यादा का समय पड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री को चाहिए था कि वह उन्हें बैठक के लिए बुलाते।

अकाली दल ने सरकार के कदम की निंदा की कर्मचारियों पर सरकार द्वारा एस्मा (ESMA) यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट लागू कर दिए जाने की घोर निंदा की है। पार्टी के के प्रवक्ता डॉक्टर दलजीत सिंह चीमा ने सरकार के इस कदम को तुगलगी फरमान करार दिया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपने हकों के लिए लड़ना-बोलना सबका अधिकार है। लेकिन आंदोलन से पैदा हुई आम आदमी पार्टी अब आम जनता की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि कर्मचारियों ने अभी तक अपनी हड़ताल भी शुरू नहीं की है बल्कि 15 दिन पहले लोकतांत्रिक तरीके से सरकार को हड़ताल के बारे में बताया है। लेकिन सरकार ने उनकी आवाज को सुनने की बजाय सीधा एस्मा लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि अन- डिक्लेयर हड़ताल पर तो सरकार है जिसे 15 दिन पहले नोटिस दिया लेकिन फिर भी वह काम करने को तैयार नहीं है। एक्शन तो इन पर होना चाहिए।

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