केजरीवाल को जमानत देने और एएमयू अलीगढ़ विवाद के फैसले में शामिल रहे, कई बड़े केसों की सुनवाई में आएंगे अहम फैसले
रोजाना भास्कर ब्यूरो
नई दिल्ली/चंडीगढ़। सोमवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुम्रू ने सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना को शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना भारत के 51वें सीजेआई होंगे। डीवाई चंद्रचूड़ की रिटायरमेंट के बाद जस्टिस संजीव खन्ना वरीयता के आधार पर चुने गए हैं।
संजीव खन्ना की विरासत वकालत की रही है। उनके पिता देवराज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहे हैं। वहीं चाचा हंसराज खन्ना सुप्रीम कोर्ट के मशहूर जज थे। उन्होंने इंदिरा सरकार के इमरजेंसी लगाने का विरोध किया था। साथ ही राजनीतिक विरोधियों को बिना सुनवाई जेल में डालने पर भी नाराजगी जताई थी।
पिता को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने CJI बनने नहीं दिया
1977 में वरिष्ठता के आधार पर उनका चीफ जस्टिस बनना तय माना जा रहा था, लेकिन जस्टिस एमएच बेग को CJI बनाया गया। इसके विरोध में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस्तीफा दे दिया। इंदिरा की सरकार गिरने के बाद वह चौधरी चरण सिंह की सरकार में 3 दिन के लिए कानून मंत्री भी बने थे।