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मरने के बाद सोशल मीडिया अकाउंट्स का क्या होगा, आज ही बदलें सेटिंग्स

नई दिल्ली.  ऑनलाइन पहचान को लेकर कई लोग वसीयत जैसा डिजिटल एस्टेट प्लान भी बनाते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि मौत के बाद आपके सोशल मीडिया अकाउंट का क्या होता है। अगर आपको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है तो आपको बता दें कि यूजर्स की मौत की जानकारी मिलते ही सोशल मीडिया साइट्स ऐक्शन लेती हैं और अकाउंट में कुछ बदलाव करती हैं।

अगर आप चाहते है कि आपकी मौत के बाद आपसे जुुड़े डेटा को सुरक्षित और आसान तरीके से सहेजा या नष्ट किया जा सके तो आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट की सेटिंग्स की मदद से अपने भरोसेमंद साथी को यह अधिकार दे सकते हैं कि वह आपकी मौत की सूचना संबंधित साइट पर दे सके। 

सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स इस तरह ऐक्शन लेते हैं:

Facebook: फेसबुक पर किसी मृत यूजर के अकाउंट को तीन तरह से प्रोसेस किया जा सकता है। इसको यादगार की तरह रखा जा सकता है, डिलीट किया जा सकता है या फिर किसी अन्य यूजर की रिक्वेस्ट पर अकाउंट से कंटेंट्स डाउनलोड करने के बाद डिलीट किया जा सकता है। फेसबुक अकाउंट को मेमोरियलाइज बनाने के बाद एक फैन पेज जैसा बना दिया जाता है, जहां लोग लिख सकते हैं, लेकिन नए फ्रेंड्स ऐड नहीं होते। 

Instagram: फेसबुक की तरह इंस्टाग्राम पर भी यादगार की तरह रखने और पूरी तरह डिलीट करने के दो विकल्प मिलते हैं। यूजर की मृत्यु के बाद परिवार के किसी सदस्य को इंस्टाग्राम पर उसके डेथ सर्टिफिकेट के साथ रिपोर्ट करना होता है और इसके बाद अकाउंट से जुड़ा फैसला लेने का राइट उन्हें मिलता है।

Gmail and YouTube: गूगल का इनऐक्टिव अकाउंट मैनेजर आपको एक लंबे टाइम पीरियड तक इनऐक्टिव रहने की स्थिति में डिजिटल डेटा क्लेम करने का ऑप्शन देता है। यूजर्स चाहें तो 90 दिनों तक इनऐक्टिव रहने की स्थिति में अपना अकाउंट टर्मिनेट करने का ऑप्शन भी चुन सकते हैं। इसके अलावा परिवार का एक सदस्य गूगल से मृत यूजर के अकाउंट के बारे में कॉन्टैक्ट कर सकता है और कोई जरूरी डेटा मांग सकता है।

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