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मोदी इन एक्शनः वापस ली अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा, साल में खर्च होते थे 10 करोड़

नई दिल्ली/श्रीनगर.पुलवामा हमले में 40 CRPF जवानों के शहीद होने के बाद मोदी सरकार ने रविवार को जम्मू कश्मीर में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए उन्हें दी गई सभी सुरक्षा एवं सुविधाएं वापस लिए जाने का निर्णय लिया है। जम्मू-कश्मीर सरकार के उच्चाधिकारियों ने बताया कि अलगाववादी नेताओं मीरवाइज फारुक, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शबीर शाह को उपलब्ध सुरक्षा और वाहनों की सुविधा रविवार से वापस ले ली जाएगी।

उन्होंने कहा कि अलगाववादी नेताओं को किसी भी कारणवश सरकार ने जो सुविधाएं उपलब्ध कराई है, उसे वापस ले लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अगर कोई और अलगावादी है जिसे सरकारी सुरक्षा अथवा सुविधाएं उपलब्ध है, तो प्रदेश पुलिस मुख्यालय इसकी समीक्षा करेगा और यह सुविधाएं तत्काल वापस ले ली जाएगी।

अलगाववादी नेताओं पर सरकार सालाना खर्च करती है 10 करोड़ रूपए 
अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा पर सरकार सालाना करीब 10 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। एक आरटीआई में यह बात सामने आई है कि इनकी सुरक्षा और सुविधाओं पर खर्च राज्य सरकार करती है। कश्मीर घाटी में एक अलगाववादी नेता पर 20 से लेकर 25 सुरक्षाकर्मी दिनरात अलर्ट रहते हैं। जिन अलगाववादियों को सुरक्षा कवच मिला हुआ है उनमें सज्जाद लोन, बिलाल लोन और उनकी बहन शबनम, आगा हसन, अब्दुल गनी बट्‌ट और मौलाना अब्बास अंसारी प्रमुख हैं। राज्य में 25 लोगों को जेड प्लस सुरक्षा है। इसके अलावा करीब 1200 लोगों के पास अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा है।

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