Uncategorized

राफेल डील से 2 हफ्ते पहले फ्रांस के रक्षा अधिकारियों से मिले थे अंबानी

नई दिल्ली.  अनिल अंबानी ने मार्च 2015 के चौथे हफ्ते में फ्रांस के तत्कालीन रक्षामंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन से उनके पेरिस स्थित दफ्तर में मुलाकात की थी। अंबानी ने रक्षामंत्री के साथ ही उनके शीर्ष सलाहकारों के साथ बैठक की थी। खास बात ये है कि इसके 2 हफ्ते बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की घोषणा की थी। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक में ली ड्रियन के विशेष सलाहकार जीएन-क्लॉड मैलेट, व्यवसायी सलाहकार क्रिस्टोफ सोलोमन और उनके औद्योगिक मामलों के तकनीकी सलाहकार जियोफ्रे बोउकोट ने हिस्सा लिया था।  

 ध्यान रहे कि इसके बाद अंबानी पीएम की यात्रा के दौरान उनके प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जहां कि 36 राफेल विमानों को लेकर मोदी ने आधिकारिक घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया था।

वहीं 8 अप्रैल, 2015 को तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर पीएम की यात्रा से पहले मीडिया से कहा था कि राफेल के संदर्भ में, मेरी समझ है कि फ्रांस की कंपनी के साथ हमारे रक्षा मंत्रालय, एचएएल के बीच बातचीत चल रही है जो इसमें शामिल हैं। यह बातचीत जारी है। ये बहुत तकनीकी, विस्तृत चर्चाएं हैं। हम चल रहे रक्षा अनुबंधों के गहन विवरण के साथ नेतृत्व स्तर की यात्राओं का मिश्रण नहीं करते हैं। वह अलग ट्रैक पर है। एक नेतृत्व यात्रा आमतौर पर सुरक्षा क्षेत्र में बड़े मुद्दों को देखती है।’

ज्ञात रहे कि एचएएल को कांट्रैक्ट में 108 राफेल विमान बनाने का लाइसेंस मिला था लेकिन उसकी नए सौदे में कोई भूमिका नहीं है। अनिल अंबानी का रिलायंस समूह भारत और फ्रांस के बीच हस्ताक्षरित यूरो 7.87 बिलियन के सौदे में ऑफसेट डिस्चार्ज के लिए राफेल विमानों के निर्माता दसॉल्ट एविएशन के लिए ‘प्रमुख भागीदार’ है। सौदे से कुल ऑफसेट का मूल्य लगभग 30,000 करोड़ रुपये है, और उस राशि में रिलायंस की सटीक हिस्सेदारी की अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

राफेल सौदे पर आज संसद में पेश होगी CAG रिपोर्ट
राफेल सौदे पर विपक्ष के लगातार हमले के बीच आज संसद में इस पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक सीएजी सिर्फ राफेल नहीं बल्कि वायु सेना के 11 खरीद सौदों पर अपनी रिपोर्ट देगी। यही नहीं, इस रिपोर्ट में राफेल विमानों की वास्तविक कीमत के बारे में कोई चर्चा नहीं है। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि राफेल सौदा तो सीएजी की रिपोर्ट का महज एक हिस्सा है। सीएजी ने एक साथ अब तक के वायु सेना के 11 रक्षा खरीद सौदों की ऑडिट की है। इस रिपोर्ट में रक्षा खरीद के सभी पैरामीटर के आधार पर राफेल डील का मूल्यांकन किया गया है। सूत्रों के मुताबिक सीएजी ने रक्षा खरीद सौदों का एक ‘तुलनात्मक मूल्यांकन’ किया है।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *