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वसंत पंचमी पर प्रयागराज में तीसरा शाही स्नान

प्रयागराज. सूर्योदय से घंटों पहले ही लाखों श्रद्धालुओं ने वसंत पंचमी पर संगम में डुबकी लगाई। कुंभ मेले का रविवार को तीसरा और अंतिम शाही स्नान है। कई लोग गंगाजल ले जाते हुए दिखे।

तड़के दो बजे से पहले ही कई श्रद्धालु मेला क्षेत्र से बाहर निकलते और अपने-अपने गंतव्यों तक जाने के लिए वाहन की तलाश करते देखे गए। श्रद्धालु जोश से भरे हुए थे और शीत लहर भी उनके उत्साह को कम नहीं कर सकी। ‘हर हर गंगे’ और ‘जय गंगा मैया’ के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया। पर्यटक विभिन्न स्थानों पर सेल्फी लेते हुए भी देखे गए। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर पुलिस अधिकारियों ने उन्हें निकास मार्ग तक ले जाने के लिए निर्देश जारी किए।

कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा, ‘करीब 50 लाख श्रद्धालुओं ने सूर्योदय से पहले ही स्नान कर लिया।’ गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में शाही स्नान कुंभ मेला के आकर्षण का केंद्र है। 

शहर में वाहनों का यातायात शनिवार रात से ही बंद होने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड से पैदल ही मेले में आना पड़ा। हालांकि गंगा में डुबकी लगाने की इच्छा और उत्साह ने थकावट को मात दे दी।

लगभग 3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले मेला क्षेत्र में हर ओर श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं। भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए चप्पे चप्पे पर पुलिस के जवानों की मदद के लिए आरपीएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, और आईटीबी समेत अर्ध सैनिक बलों की टुकड़ियां मुस्तैदी के साथ अपने काम को अंजाम देने में जुटी हैं।

कुम्भ के तीसरे शाही स्नान पर्व की शुरूआत परम्परा के मुताबिक श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा ने की। इसके साथ श्री पंचायती अटल अखाड़ा ने भी संगम में डुबकी लगायी। भोर 5 बज कर 35 मिनट पर पहला शाही स्नान महानिर्वाणी अखाड़ा ने किया। उसके साथ अटल अखाड़ा भी था।

बाद में सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और तपोनिधि श्री पंचायती आनन्द अखाड़ा ने शाही स्नान किया। आठ बजे श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा ने एक साथ शाही स्नान किया। इसके बाद बैरागी अखाड़ों के शाही स्नान का क्रम शुरु हुआ। इसमें सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, उसके बाद अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़ा और अखिल भारतीय पंच निर्मोही अनी अखाड़ा ने शाही स्नान किया। आठ किलोमीटर के दायरे में स्नान के लिए 40 घाट बनाए गए हैं जिससे श्रद्धालुओं को स्नान में कोई असुविधा न हो।

सुरक्षा की दृष्टि से मेला क्षेत्र में करीब 400 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जबकि 96 फायर वाच टावर में तैनात जवान भीड़ को नियंत्रित करने के साथ साथ अवांछनीय तत्वों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। मेला क्षेत्र को 10 जोन में बांट कर सुरक्षा बलों की 37 कंपनियां तैनात की गई है। अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए 10 कंपनी एनडीआरएफ की तैनाती भी की गई है।

इससे पहले दो शाही स्नान 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर और चार फरवरी को मौनी अमावस्या पर थे। तीसरा शाही स्नान बसंत पंचमी पर है जो वसंत ऋतु आने का अग्रदूत और देवी सरस्वती को समर्पित है। मेला प्रशासन के अनुसार अभी तक 14.94 करोड़ श्रद्धालु कुंभ मेले में आ चुके हैं।

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