हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट से फटकार कहा- कानून व्यवस्था बनाना पुलिस की जिम्मेदारी पंजाब गवर्नमेंट के खिलाफ दायर की थी याचिका
पंजाब के किसान 13 फरवरी से दिल्ली कूच को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। केंद्र सरकार से 4 दौर की वार्ता विफल होने के बाद आज किसानों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच शुरू किया। इस दौरान किसानों और सुरक्षा बलों के बीच जमकर झड़प हुई। इस सारे घटनाक्रम को लेकर हरियाणा सरकार हाईकोर्ट पहुंची थी। हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट से पंजाब सरकार को कार्रवाई करने के लिए कहा था। हरियाणा सरकार का कहना था कि शंभू बॉर्डर पर किसान मोडिफाइड ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ मौजूद हैं। इससे कानून व्यवस्था को खतरा है। पंजाब सरकार उन पर कार्रवाई करे।
मगर, अब इसे लेकर हाईकोर्ट ने किसान आंदोलन मामले में सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की जिम्मेदारी है, हाईकोर्ट की नहीं। सुबह 11 बजे से ही जारी है संघर्ष किसान दिल्ली कूच करने की जिद लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। आज किसानों ने शंभू और खनौरी बॉर्डर की बैरिकेडिंग को खोदकर आगे बढ़ने का फैसला किया था। सुबह 11 बजे से ही किसान और सुरक्षा बल कई बार आमने सामने हुए। सुरक्षाबलों द्वारा आंसू गैस के गोले भी फेंके गए। पंजाब-हरियाणा सीएम आवासों की बढ़ाई सुरक्षा
किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार अपनी पुख्ता तैयारी करके बैठी है। हरियाणा पुलिस ने पंजाब और हरियाणा के बीच की सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया है। किसानों के आज दिल्ली कूच के आह्वान के बाद हरियाणा पुलिस ने दोनों राज्यों की सीमाओं पर बैरिकेडिंग मजबूत कर दी है और सुरक्षा बलों की संख्या भी बढ़ा दी है।
वाटर कैनन गाड़ियों की भी विशेष व्यवस्था की गई है। वहीं, चंडीगढ़ स्थित पंजाब और हरियाणा के सीएम के आवासों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।