मजीठिया की मुश्किलें बढ़ीं: पूर्व DGP सिद्धार्थ चटोपाध्याय जांच में शामिल, आज दर्ज कराएंगे बयान

NDPS केस में गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ने कसा शिकंजा, 540 करोड़ की संपत्ति और विदेशी लेनदेन जांच के घेरे में

रोजाना भास्कर (चंडीगढ़): पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर नशा तस्करी और आय से अधिक संपत्ति मामले में शिकंजा कसता जा रहा है। अब इस केस की जांच में पंजाब के पूर्व DGP सिद्धार्थ चटोपाध्याय भी शामिल हो गए हैं।

वे आज दोपहर 2 बजे चंडीगढ़ स्थित पंजाब पुलिस ऑफिसर इंस्टीट्यूट में विजिलेंस अधिकारियों के सामने बयान दर्ज करवाएंगे।

सूत्रों की मानें तो चटोपाध्याय, मजीठिया के खिलाफ कई महत्वपूर्ण साक्ष्य और जानकारियां विजिलेंस टीम को सौंप सकते हैं, जो केस की दिशा बदल सकती हैं।

गिरफ्तारी के बाद 26 ठिकानों पर छापे, 30 मोबाइल और दस्तावेज जब्त

विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को 25 जून को अमृतसर से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के साथ ही उनके 26 ठिकानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान

29 मोबाइल फोन

5 लैपटॉप, 3 iPad, 2 डेस्कटॉप

8 डायरियां व अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए।

विजिलेंस का दावा है कि मजीठिया ने अवैध रूप से 540 करोड़ की संपत्ति बनाई है। उनके बैंक खातों में 161 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी, और 141 करोड़ का विदेशी लेन-देन पाया गया है। साथ ही कंपनियों के खातों में 236 करोड़ रुपए की अनस्पष्टीकृत रकम का खुलासा भी हुआ है।

कोर्ट से 7 दिन का रिमांड, अगली सुनवाई 2 जुलाई को

मजीठिया को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मोहाली अदालत में पेश किया गया। जहां सरकारी पक्ष ने 12 दिन के रिमांड की मांग की, लेकिन कोर्ट ने 7 दिन का पुलिस रिमांड मंजूर किया। अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी।

वकील बोले– यह सरकार की स्क्रिप्टेड कार्रवाई है

मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक साजिश है।

 “सरकार सुप्रीम कोर्ट में कुछ और कहती है और जिला अदालत में कुछ और। जिन कंपनियों का हवाला दिया जा रहा है, वे भारत सरकार से मान्यता प्राप्त हैं। यह कार्रवाई इसलिए हो रही है क्योंकि मजीठिया सरकार के खिलाफ खुलकर बोलते हैं।”