The Target News
नई दिल्ली । राजवीर दीक्षि
अगर आपने हेल्थ इंश्योरेंस करा रखा है और उसका रिन्यूअल नजदीक है तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। जी हां, बीमा रेग्युलेटर आईआरडीएआई (IRDAI) ने पिछले दिनों नियमों में कुछ बदलाव किए हैं।
इसके बाद इंश्योरेंस सेक्टर में कुछ बदलाव हो सकते हैं। इसका असर आने वाले समय में बीमा प्रीमियम पर देखने को मिल सकता है।
नए नियम के अनुसार, अब इंश्योरेंस क्लेम के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा तीन साल का इंतजार करना होगा। पहले यह टाइम लिमिट चार साल हुआ करती थी। आईआरडीएआई (IRDAI) की तरफ से किए गए बदलावों के बाद बीमा कंपनियां अलग-अलग पॉलिसियों के प्रीमियम में बदलाव पर विचार कर रही हैं।
प्रीमियम में 7.5% से 12.5% तक का इजाफा
HDFC ERGO की तरफ से पहले ही ग्राहकों को प्रीमियम में बदलाव के बारे में जानकारी दे दी है। HDFC ERGO का कहना है कि कंपनी को प्रीमियम में औसतन 7.5% से 12.5% तक की वृद्धि करनी होगी। बीमा कंपनियों की तरफ से इस बारे में ग्राहकों को ई-मेल के जरिये भी जानकारी दी जा रही है। बीमा कंपनियों की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि आपको अच्छा प्लान दे सकें, इसके लिए प्रीमियम दरों में थोड़ा बढ़ोतरी करनी पड़ रही है।
रिन्यू डेट करीब आने पर मिलेगी जानकारी
कंपनियों ने इंश्योरेंस स्कीम के प्रदर्शन की समीक्षा के साथ ही इलाज के खर्च में होने वाली बढ़ोतरी को भी ध्यान में रखा है। आपकी उम्र और शहर के आधार पर प्रीमियम बढ़ोतरी थोड़ी कम या ज्यादा हो सकती है। HDFC Ergo का कहना है कि प्रीमियम बढ़ोतरी थोड़ा परेशान करने वाली हो सकती है लेकिन यह जरूरी होने पर ही किया जाता है। यह IRDAI को सूचित करके किया जाता है। दरों में किया जाने वाला यह बदलाव रिन्यू प्रीमियम को प्रभावित कर सकता है। पॉलिसीहोल्डर्स को रिन्यू डेट करीब आने पर इस बारे में जानकारी दी जाएगी।
इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की कोई उम्र नहीं
ACKO जनरल इंश्योरेंस कंपनी के वाइस चेयरमैन रूपिंदरजीत सिंह ने बताया कि कुछ बीमा कंपनियां प्रीमियम में 10% से 15% तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं। हाल ही में IRDAI की तरफ से किए गए बदलावों में यह भी नियम है कि अब हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है। पहले यह लिमिट 65 साल की थी। उन्होंने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए प्रीमियम की रकम भी उम्र के हिसाब से बढ़ाई जा सकती है।
प्रीमियम औसतन 10% से 20% तक बढ़ सकता है
उन्होंने बताया कि हर पांच साल में उम्र से जुड़ा स्लैब चेंज होने पर प्रीमियम औसतन 10% से 20% तक बढ़ सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बीमा कंपनियों को अपने खर्चों का ध्यान रखना होता है। साथ ही, भारत में मेडिकल महंगाई करीब 15% है, जो प्रीमियम बढ़ने का एक और कारण है। एक ऑनलाइन बीमा ब्रोकर के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले कुछ सालों में हेल्थ इंश्योरेंस कराने वालों की औसत राशि में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 से 2024 तक यानी छह साल के दौरान औसत राशि 48% बढ़कर 26,533 हो गई है। इस बढ़ोतरी के दो कारण बताए जा रहे हैं। पहला इलाज कराने का खर्च (Medical Inflation) में तेजी से वृद्धि और दूसरा कारण कोविड-19 महामारी के बाद से लोगों में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रति जागरूकता बढ़ना।