CM मान-रोडवेज कर्मियों की बैठक अब 29 को मीटिंग टलने से कर्मचारियों में रोष; जालंधर बस अड्डे पर फूंका मुख्यमंत्री का पुतला
रोज़ाना भास्कर जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ आज रोडवेज-पनबस पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की मांगों पर विचार विमर्श के लिए मीटिंग टाल दी गई है। पिछली मीटिंगों की तरह ही इस बार भी मीटिंग रद करके अगली डेट 29 सिंतबर दे दी गई। इससे रोडवेज में ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों में खासा रोष है। उन्होंने मुख्यमंत्री के जालंधर दौरे से पहले बस अड्डे पर उनका पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की।
कर्मचारियों ने पहले ही चेतावनी जारी कर रखी थी कि 14 सितंबर की मीटिंग से यदि मुख्यमंत्री पीछे हटे तो वह बसों का चक्का जाम कर देंगे। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अब 29 सितंबर को मीटिंग दिए जाने के कारण फिलहाल चक्का जाम का कार्यक्रम टाला गया है। हालांकि इससे पहले भी टाइम देकर 3 बार मीटिंग रद की जा चुकी हैं।
अब सीएम के पास मुलाकात का समय नहीं यूनियन के सीनियर प्रदेश उप प्रधान दलजीत सिंह जल्लेवाल एवं बलविंदर सिंह रथ ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास रैली में 1064 सरकारी बसें लेकर जाने वाले कर्मचारियों से मुलाकात के लिए समय नहीं है। यूनियन नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार परिवहन विभाग को चलाने में फेल साबित हो रही है। मुख्यमंत्री भगवंत, जिन्हें कर्मचारियों ने सत्ता की चाबी सौंपी थी वह अब कर्मचारियों से बात करने की बजाय भाग रहे हैं।
रोडवेज कर्मचारी नेताओं ने कहा कि पिछले कल ही सरकार ने अमृतसर रैली के लिए लगभग 1064 पनबस और पीआरटीसी बसों को लोगों को लाने-ले जाने के लिए लगाया था। उन्होंने कहा कि रोडवेज के कर्मचारियों को केवल राजनीतिक रैलियों में लोगों को ले जाने के दौरान याद किया जाता है, लेकिन सरकार के पास इन कर्मचारियों की मांगों का समाधान करने के लिए समय नहीं है।
दो साल में एक भी नई बस नहीं खरीदी जालंधर 1 और 2 डिपो के गेट पर बोलते हुए राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष दलजीत सिंह जल्लेवाला कहा कि पंजाब में परिवहन विभाग की हालत यह है कि पंजाब सरकार पिछले दो सालों के दौरान एक भी नई बस नहीं खरीद पाई है। यहां तक कि बसों को रूट और समय सारिणी दी गई है उस पर पर भी ट्रांसपोर्ट माफिया राज पूरी तरह से काबिज है और हावी है।
उन्होंने कहा कि रोडवेज की हालत यह है कि एक तरफ सरकार इसे कमाऊ पूत कहती है और दूसरी तरफ कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं देती है। उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें सैलरी नहीं मिली है। महासचिव चानण सिंह, रणजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह भुल्लर, भूपिंदर सिंह फौजी, दविंदर सिंह, मलकीत सिंह कुलविंदर सिंह, चरणजीत सिंह, हरजिंदर सिंह, सुखदेव सिंह ने कहा कि लंबे समय से काम कर रहे कॉन्ट्रैक्ट और आउटसोर्स कर्मचारियों को अभी तक पक्का नहीं किया जा रहा है, उन्हें कम वेतन दिया जा रहा है। समान काम, समान वेतन लागू नहीं किया जा रहा है। बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल नहीं किया जा रहा है।
रिवर्स कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के तहत विभाग में लूट कर्मचारियों ने कहना है कि रिवर्स कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के तहत विभाग को लूटा जा रहा है। कर्मचारियों की मांग है कि ट्रांसपोर्ट से ठेकेदारी प्रथा खत्म की जाए। सरकार को जीएसटी के 20 से 25 करोड़ जो बचेंगे उन्हें कर्मचारियों के कल्याण पर खर्च करें। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करके उनकी सैलरी में 5 प्रतिशत का इजाफा किया जाए। किलोमीटर स्कीम रद्द कर बसें रोडवेज के बेड़े में शामिल की जाएं। रोडवेज में खाली पदों पर कर्मचारियों की भर्ती की जाए, लेकिन यह भर्ती आउटसोर्स या फिर ठेके पर नहीं बल्कि सीधी हो।