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Harish Sharma
एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने कथित तौर पर चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए जिला प्रशासन को सौंपे गए आंकड़ों में खुद को गर्भवती मां के रूप में दिखाया है। जिसकी जांच शुरू की गई है।
मामले की जांच के लिए जींद (हरियाणा) के उपायुक्त-सह-जिला निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद इमरान रजा ने सिटी मजिस्ट्रेट नमिता कुमारी की अध्यक्षता में एक जांच गठित की है।
सूत्रों ने कहा कि डाहोला गांव के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में तैनात पीजी हिंदी शिक्षक सतीश कुमार ने कथित तौर पर खुद को एक गर्भवती महिला के रूप में दिखाया और अपने नाम के तहत भरे जाने वाले कंप्यूटर फार्म में “गर्भवती” विकल्प का चयन किया है।
उन्होंने कहा कि डेटा शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया गया था। स्कूली शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी सौंपने के लिए जिला प्रशासन को जमा करने से पहले संबंधित अधिकारी इसकी जांच करते हैं।
मामला तब सामने आया जब कुछ लोगों ने डेटा प्रोसेस करने वाले नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) से संपर्क किया और शिकायत की कि सतीश ने चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए गलत जानकारी दी है। डेटाबेस की जांच करने पर पता चला कि गर्भवती कर्मचारियों को इससे छूट मिलने के कारण सतीश को चुनाव ड्यूटी नहीं दी गई थी।
जिला सूचना विज्ञान अधिकारी सुषमा देसवाल ने मामला डिप्टी कमिश्नर को दिया है, जिसके बाद उन्होंने शिक्षक, स्कूल प्रिंसिपल अनिल कुमार और कंप्यूटर ऑपरेटर मनजीत को जांच में शामिल किया गया। तीनों ने ही सारे मामले में अनभिज्ञता जताई है। जिसके बाद डीसी ने सख्त जांच के आदेश दिये है।