जालंधर में ऐसा क्या हुआ कि विधायक और मेयर को 38 डिग्री तापमान में लगाना पड़ा धरना… कैप्टन और कांग्रेस सरकार में नहीं हो रही मेयर राजा और विधायक बेरी की सुनवाई…
कैप्टैटन सरकार के शासन में टैगोर नगर में धरने पर बैठे विधायक रजिंदर बेरी, मेयर जगदीश राजा व अन्य। लोगों ने ठेका बंद करवाने के लिए पकड़ रखे थे बैनर और पोस्टर।
जालंधर, रोजाना भास्कर (हरीश शर्मा). टैगोर नगर में रविवार का दिन कांग्रेस विधायक रजिंदर बेरी और मेयर जगदीश राजा के लिए गर्मी में धरने बैठने को लेकर शुरू हुआ। इसका कारण लोकसभा चुनाव में लोगों का साथ देना था। दरअसल टैगोर नगर में शहनाई पैलेस के पास शराब का ठेका खुला हुआ है। लोग कई बार मांग कर चुके थे कि इसे बंद किया जाए। लेकिन सुनवाई न होने पर लोगों ने धरना लगा दिया, जिसमें 38 डिग्री तापमान होने के बावजूद विधायक रजिंदर बेरी और मेयर जगदीश राज राजा को वोट नीति के चलते धरने पर बैठना पड़ गया। विधायक रजिंदर बेरी ने कहा कि वे रिहायशी इलाके में खोले गए शराब के ठेके के खिलाफ हैं और लोगों का पूरा साथ देंगे। उन्होंने इस बारे कई बार एक्साइज विभाग तक पहुंच की लेकिन अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं कर रहे।
ठेका संचालकों के पक्ष में खड़े कारिंदे और अन्य लोग।
सरकार, सांसद, विधायक, मेयर… सब कांग्रेस के, फिर भी नहीं शराब सिंडीकेट लोगों पर हावी…
अब बात यह है कि अगर प्रदेश में सरकार कांग्रेस की, सांसद संतोख सिंह चौधरी कांग्रेस का, विधायक रजिंदर बेरी कांग्रेस का, मेयर जगदीश राज राजा कांग्रेस का और निगम हाउस में बहुमत कांग्रेस का है तो भी विधायक की सुनवाई नहीं हो रही तो आम लोगों का क्या होगा। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस वोट तो मांग रही है लेकिन अगर एक ठेका बंद करवाने के लिए विधायक और मेयर को धरने पर बैठना पड़ गया तो बाकी काम कैसे पूरे होंगे? शराब सिंडीकेट ही सरकार के हाथों से बाहर हैं तो बाकी विभागों के काम लोग कैसे करवा पाएंगे अगर सरकार के नुमाइंदों की ही सुनवाई नहीं हो रही।