राजनीति लोकसभा चुनाव-2019

चरणजीत सिंह अटवाल के सारथी बने यह नेता, कई अकाली नेताओं के चेहरे पड़े फीके

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जालंधर (हरीश शर्मा). चरणजीत सिंह अटवाल अकाली दल से उम्मीदवार हैं और उनके लिए अकाली दल के सारथी शिअद के दबंग नेता सर्बजीत सिंह मक्कड़ बन गए हैं। अटवाल जितने शांत स्वभाव के हैं, मक्कड़ उतरने गर्म हैं। दोनों का अच्छा तालमेल चल रहा है लेकिन इसकी परेशानी कई अकाली लीडरों को होने लगी हैं। खासकर वह नेता, जो मक्कड़ को हाशिये पर लाने के लिए मजीठिया के दरबार में हाजिरी भरते रहे लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी उलटा लालीपपप ही मिला। असल, में मककड़ व बादल परिवार का रिश्ता काफी पुराना है और मक्कड़ उस समय बादल के साथ हैं, जब दोआबा में उनका कोई साथी नहीं था। मक्कड़ न केवल ट्र्सट के चेयरमैन रहे बलकि आदमपुर से विधायक भी बने। मक्कड़ हाल ही में कैंट से अकाली दल के नेता हैं, उनको पार्टी ने टिकट भी दिया लेकिन मक्कड़ को किराने करने के लिए शाहकोट उपचुनाव में आप के नेता एचएस वालिया व शाहकोट से नेता डॉ. थिंद ने पार्टी ज्वाइन कर ली। शिअद में ज्वाइन करवाने के लिए सुखबीर खुद जालंधर वालिया के निवास पर आये। वालिया के निवास पर मजी​ठिया भी पहुंचे और वालिया को लगने लगा कि वह अब अकाली दल के जालंधर में सर्वेसर्वा बन गये हैं। लेकिन मक्कड़ की शतरंज की चाल में वालिया खुद हाशिये पर चले गए। मक्कड़ ने सुखबीर के साथ अपनी ट्यूनिग सही कर कैंट हलके का कार्यक्रम रखवा लिया और उसमें वालिया शामिल न होकर अलग थलग हो गए।

इतना ही नहीं वालिया जब बुधवार को अटवाल की प्रेस वार्ता में पहुंचे तो एक नुक्कर की कुर्सी उनको बैठने के लिए मिली। मक्कड़ अटवाल की बाजू वाली सीट पर बैठे और उनके साथ बकायदा रायशुमारी करते रहे। अटवाल लगातार मक्कड़ की कोठी पर ही अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं। मक्कड़ की इतनी पावर देखकर परमजीत रायपुर के अलावा कमलजीत सिंह भाटिया भी खुद ब खुद हाशिये पर चले गये हैं।

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