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जयपुर/Harish Sharma
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार के बोल ने बवाल की स्थिति बना दी है। भाजपा को लेकर दिए बयान पर इंद्रेश कुमार ने कहा है कि अहंकार ने भाजपा को 241 पर रोक दिया।
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) के सहयोगी दल के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि उन्हें इसमें खुश रहने दें। राम ने हमें काम करने के लिए बहुमत दिया है।
इससे पहले इंद्रेश कुमार ने गुरुवार को कहा- राम सबके साथ न्याय करते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए। जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अहंकार आ गया। उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी घोषित कर दिया। उनको जो पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी।
जयपुर के एक प्रोग्राम में उन्होंने कहा जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी, उनमें से किसी को भी शक्ति नहीं दी। सब मिलकर (INDIA ब्लॉक) भी नंबर-1 नहीं बने, नंबर-2 पर खड़े रह गए। इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है, सत्य है व बड़ा आनंददायक है।
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इसलिए जिस पार्टी ने भक्ति की, अहंकार आया, उस पार्टी को 241 पर रोक दिया, पर सबसे बड़ी बना दिया। जिनकी राम के प्रति आस्था नहीं थी, अश्रद्धा थी। उन सबको मिलकर 234 पर रोक दिया। कहा- तुम्हारी अनास्था का यही दंड तुमको है कि तुम सफल नहीं हो सकते।
इंद्रेश के बयान को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा- बात सही है। भाजपा अहंकार के कारण ही हारी है।
इंद्रेश कुमार ने राम की ओर से सीता का परित्याग करने के पीछे भी नई कहानी बताते हुए भाजपा को नसीहत दी। उन्होंने कहा राम हर 100 साल में अपने राज्य में अश्वमेघ यज्ञ करते थे, ताकि उनके राज्य में कोई भूखा न रहे, कोई वंचित न रहे, कोई शिक्षा के बिना न रहे, कोई दुखी न रहे। राम का जितना बड़ा राज्य था, आज तक किसी का नहीं हुआ।
इंद्रेश कुमार ने कहा- अंत में एक समय आता है तो मां सीता ने आकर कहा कि तुम्हारे राज्य में लोगों को यह शक होने लगा है कि तुम भोग विलास में तो नहीं लग जाओगे। अपने रिश्तेदारों में और भाइयों के हितों में तो नहीं उलझ जाओगे। आपके अंदर भी सत्ता का अहंकार तो नहीं आ जाएगा, जब यह चर्चा सीता ने की तो राम ने पूछा कि करना क्या है, तो राम ने सीता से पूछा कि मुझे किस चीज का परित्याग करना है।
सीता ने कहा कि आपकी प्रियतम कौन है। उस प्रियतम का आप त्याग कीजिए। दुनिया आपको हमेशा के लिए उदाहरण मानकर आपका सम्मान करेगी। इसलिए राम ने चर्चा करके ही सीता के त्याग की परिकल्पना की थी। यह तय हुआ कि जब तक सीता वनवास में रहेंगी तो हनुमान जी उनके सेवक और दूत बनकर उनके पास रहेंगे।
इंद्रेश कुमार ने कहा- जब तक सीता परित्याग में रहीं, हनुमान सेवक बनाकर उनकी सेवा करते रहे। राम क्या सोचते हैं यह सीता को पता होता था, सीता क्या करती हैं, यह राम को पता होता था। इसके बाद राम जितने वर्षों तक धरती पर रहे उन्होंने राजसी सुखों का भोग नहीं किया। राजमहल में चटाई बिछाकर सोते थे, कभी भी सिंहासन पर नहीं बैठते थे।
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इंद्रेश कुमार RSS की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक हैं। वे संघ में वरिष्ठ प्रचारक भी रहे हैं। मुसलमानों को संघ की विचारधारा से जोड़ने के लिए इन्होंने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की स्थापना सन 2002 में की थी। इंद्रेश कुमार हिमालय परिवार, पूर्व सैनिकों के लिए संगठन की स्थापना भी कर चुके हैं। वे जम्मू-कश्मीर में प्रांत प्रचारक भी रहे हैं। राजस्थान से भी इंद्रेश कुमार का जुड़ाव रहा है। इंद्रेश कुमार के बेबाक बोल ने भाजपा में हलचल पैदा कर दी है।