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जालंधर में ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों की अब खैर नहीं कोर्ट में नहीं, मौके पर ही करनी पड़ेगी जेब ढीली, पुलिस को दी ई-चालान मशीनें

रोज़ाना भास्कर जालंधर (ब्यूरो):- जालंधर में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की अब खैर नहीं है। गाड़ी का चालान कटने पर अब जुर्माने का भुगतान कोर्ट में नहीं बल्कि मौके पर ही अपनी जेब ढीली कर करना पड़ेगा। जालंधर शहर में ट्रैफिक रूल उल्लंघन करने पर अब ई-चालान होगा। जिसके तहत अब चालान पुलिस कोर्ट में नहीं भेजेगी बल्कि मौके पर ही अपराध करवाने वाले से जुर्माना ऑनलाइन वसूलेगी। चालान कटने के बाद मौके पर ही ई-भुगतान करना पड़ेगा।

जालंधर शहर में तैनात ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को पंजाब ट्रैफिक एडीजीपी एएस रॉय ने जालंधर कमिश्नरेट पुलिस को 30 ई-चालान करने वाली पॉज मशीनें आवंटित की हैं। एडीजीपी एएस रॉय ने पंजाब के सभी जिलों में मशीनों के वितरण के बाद वर्चुअल मीटिंग भी की। एडीसीपी ट्रैफिक कंवलप्रीत सिंह चहल के नेतृत्व में ट्रैफिक स्टाफ के जोन प्रभारी और ट्रैफिक स्टाफ के समूह प्रभारी इस बैठक में शामिल हुए।

ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को दी जा रही ट्रेनिंग बैठक के दौरान मशीन को ऑपरेट कैसे करना है इसकी भी जानकारी ट्रैफिक पुलिस के स्टाफ को दी गई। उन्हें ट्रेनिंग सेशन में बाकायदा समझाया गया कि मशीनों से ऑनलाइन ई-चालान कैसे भरा जाएगा और इसकी पेमेंट कैसे होगी। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि मशीनों का वितरण हो जाने के बाद अब ई-चालान शुरू कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को भी कोर्ट में चालान के लिए जाने की बजाय मौके पर ही ई-पेमेंट की सुविधा मिलेगी।

ई-चालान से बचेगा टाइम, रिकॉर्ड होगा मेंटेन एडीसीपी ट्रैफिक जालंधर कंवलप्रीत सिंह चहल ने कहा कि ई-चालान वक्त की मांग भी है। विभाग हाईटेक हो चुका है। चालान की कॉपियों में चालान काटने पर समय बहुत खराब होता था। उसके बाद चालान आरसी के साथ कोर्ट में भेजने पड़ते थे। ई-चालान से अब समय बचेगा मौके पर ही चालान का भुगतना हो जाएगा। यदि किसी के पास मौके पर गूगल-पे, एटीएम कार्ड आदि नहीं है तो मैन्युअल चालान की भी साथ ही रहेगा।

उन्होंने कहा कि 15-20 दिनों के भीतर ट्रेनिंग सेशन पूरा होते ही शहर में ई-चालान को शुरू कर दिया जाएगा। मशीन में कैमरे से सारी रिकॉर्डिंग होगी । चालान का सारा रिकार्ड भी ऑनलाइन चढ़ेगा। उससे अगली बार चालान पर पता चल जाएगा कि व्यक्ति हैबिचुअल ऑफेंडर है या नहीं। जुर्माना भी उसी हिसाब से तय होगा। बार-बार नियम तोड़ने पर उसके लाइसेंस को रद करने के लिए संबंधित आरटीओ को लिखा जाएगा।

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