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वित्त मंत्रालय ने आरबीआई से मांगे 27380 करोड़ रुपए, जानें वजह

नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक से 27,380 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने की मांग की है। रिजर्व बैंक ने यह पूंजी पिछले कुछ वर्षों में जोखिम कवर और आरक्षित भंडार के तौर पर अपने पास रखी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। रिजर्व बैंक ने 2016-17 के दौरान जोखिम और आरक्षित भंडार के रूप में 13,190 करोड़ रुपये अपने पास रखे थे। वहीं 2017-18 में उसने 14,190 करोड़ रुपये रखे। इस प्रकार आरबीआई के पास कुल 27,380 करोड़ रुपये की राशि है। सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष की साख पर चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बैंक से अंतरिम लाभांश देने और पिछले दो वित्त वर्षों के अधिशेष में से रखी गई राशि को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है। 
इस महीने की शुरुआत में, आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक से 28,000 करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश मिलने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार को रिजर्व बैंक से पहले ही 40,000 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। यदि आरबीआई का केंद्रीय बोर्ड अंतरिम लाभांश के रूप में सरकार के 28,000 करोड़ रुपये के अनुरोध को स्वीकार कर लेता है तो केंद्रीय बैंक द्वारा 2018-19 में कुल अधिशेष हस्तांतरण 68,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगा।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार को अगले वित्त वर्ष में लाभांश के रूप में 69,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। सरकार को आरबीआई, राष्ट्रीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 2019-20 के दौरान 82,911.56 करोड़ रुपये का लाभांश मिलने का अनुमान है।

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