मशूहर सिंगर-रैपर बादशाह अपने हिट गाने ‘बावला’ के भुगतान को लेकर कानूनी पचड़े में फंसे, कोर्ट ने दिया ये आदेश

नई दिल्ली। मशूहर सिंगर-रैपर बादशाह अपने हिट गाने ‘बावला’ के भुगतान को लेकर कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। करनाल की यूनिसिस इंफोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने बादशाह पर आरोप लगाया है कि गाने का काम पूरा करने और रिलीज होने के बाद भी उन्हें पूरा भुगतान नहीं मिला।

कंपनी का दावा है कि बादशाह और उनकी एजेंसी पर 2.88 करोड़ रुपए की देनदारी है। करनाल की कॉमर्शियल कोर्ट ने कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पहले से जमा 1.70 करोड़ रुपए की एफडीआर (फिक्स्ड डिपॉजिट) को सुरक्षित किया है।

अब 16 अगस्त को आए ताजा आदेश में बादशाह को 50 लाख रुपए की अतिरिक्त एफडीआर कोर्ट में जमा करने को कहा है। ताकि कंपनी का बकाया सुरक्षित रहे और बादशाह बैंक से पैसा निकालकर या संपत्ति बेचकर भुगतान से बच न जाएं।

कंपनी की ओर से एडवोकेट अमित निरवानिया और एडवोकेट एसएल निरवानिया ने पैरवी की, जबकि बादशाह की तरफ एडवोकेट विजेंद्र परमार पेश हुए। कंपनी और बादशाह के बीच विवाद की जड़ 30 जून 2021 का एक समझौता है।

उस समय दोनों पक्षों ने एक एग्रीमेंट किया, जिसका टाइल था- प्रोड्यूसर एंड लाइन प्रोड्यूसर वर्क फॉर हायर एग्रीमेंट-बावला। एग्रीमेंट की शर्तों के मुताबिक, बादशाह को गाने ‘बावला’ के प्रमोशन के लिए 1.05 करोड़ रुपए और गाने का वीडियो बनाने के लिए 65 लाख रुपए देने थे।

कंपनी का कहना है कि उन्होंने सारा काम समय पर पूरा किया और गाना 28 जुलाई 2021 को यूट्यूब और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज भी कर दिया गया।

एडवोकेट अमित निरवानिया बताते हैं कि कंपनी ने काम पूरा करने के बाद मई 2022 में बादशाह को दो टैक्स इन-वॉइस भेजे। इसमें पहला इन-वॉइस 76.70 लाख का था, जिसमें 11.70 लाख रुपए जीएसटी भी शामिल था। दूसरा इन-वॉइस 1 करोड़ 83 लाख 90 हजार का था, जिसमें 18.90 लाख का जीएसटी शामिल है।