नई दिल्ली । Harish Sharma
(The Key Plotter of Nabha Jailbreak, Brought Back to India) नाभा जेल ब्रेक कांड के मुख्य आरोपी, रमनजीत सिंह रोमी, को हांगकांग से भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हांगकांग से प्रत्यर्पण की मंजूरी मिल गई है, और पंजाब पुलिस की टीमें दिल्ली में उनकी कस्टडी लेने पहुंच चुकी हैं। यह गिरफ्तारी एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद संभव हुई है, जिसमें भारत सरकार ने अपना पक्ष मजबूती से रखा।
गैंगस्टर रोमी का आपराधिक इतिहास:
रमनजीत सिंह रोमी को 2016 में हांगकांग में गिरफ्तार किया गया था। उन पर नाभा जेल ब्रेक की साजिश रचने का आरोप है, जिसमें 27 नवंबर 2016 को पटियाला की नाभा जेल से दो आतंकवादियों और चार कुख्यात गैंगस्टरों सहित छह कैदी फरार हो गए थे। पुलिस के अनुसार, रोमी ने जेल से भागने वालों को आर्थिक सहायता दी थी और पूरी साजिश हांगकांग से ही अंजाम दी थी।
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रोमी की गैंगस्टर गतिविधियां और लिंक:
पंजाब पुलिस का कहना है कि रोमी जालंधर और लुधियाना में 2016-17 में हुई हत्याओं में भी शामिल हो सकता है। इसके अलावा, वह गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह शेख के संपर्क में था, जो नाभा जेल से भागे छह कैदियों में शामिल था और इस कांड का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है।
रेड कॉर्नर नोटिस और भारत का कदम:
गैंगस्टर रोमी के लापता होने के बाद भारत ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इस कांड के आरोपी को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत ने हांगकांग में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और अंततः उसे प्रत्यर्पित करने में सफलता हासिल की।
यह मामला भारत में अपराध और न्यायिक प्रक्रिया के बीच की कड़ी का एक प्रमुख उदाहरण बन गया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कानूनी लड़ाई की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।