कांग्रेस सुरक्षा बलों और सेना को आतंकियों-पत्थरबाजों के सामने असहाय करने चली : शान्तिदूत
देशभक्ति की अपनी परिभाषा स्पष्ट करे कांग्रेस, राबर्ट वाड्रा पर लगे आरोपों पर भी घोषणा पत्र में स्टैंड स्पष्ट करें राहुल
जालंधर (भारत भूषण ननचाहल). भारतीय जनता पार्टी पंजाब प्रांत के पूर्व प्रवक्ता एवं ‘मिशन मोदी पीएम अगेन’ के राष्ट्रीय सचिव राकेश शान्तिदूत ने कहा है कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में अफस्पा कानून को समाप्त करने का वायदा करके वास्तव में जम्मू-कश्मीर सहित उत्तर पूर्व के कुछ अशांत राज्यों में सुरक्षा बलों और सेना को पत्थरबाजों और आतंकियों के सामने मरने के लिए छोड़ देने का अपना संकल्प प्रकट किया है।
कांग्रेस के इलेक्शन मैनीफेस्टो पर टिप्पणी करते हुए शान्तिदूत ने कहा कि अफस्पा कानून देश के कुछ राज्यों में आतंकवादियों और उनके समर्थक पत्थरबाजों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को प्राप्त विशेषाधिकार है और यह कानून कोई भाजपा ने नहीं बल्कि भारत की संसद ने बनाया है। ‘मिशन मोदी पीएम अगेन’ के राष्ट्रीय सचिव ने कहाकि सेना और सुरक्षा बलों की आतंकियों और उनके समर्थक पत्थरबाजों से सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून को खत्म करने की बात कहकर कांग्रेस ने खुद यह साबित कर दिया है कि वह सेना और सुरक्षा बलों की नहीं अपितु आतंकियों और उनके समर्थक पत्थरबाजों के प्रति स्नेह और लगाव रखती है। उसकी यह सोच देशभक्ति के दायरे में है या देशद्रोह के, यह कांग्रेस देश को बताने का कष्ट करे। श्री शान्तिदूत ने कहाकि चुनाव घोषणापत्र में देशद्रोह कानून की समीक्षा करने की घोषणा करके भी कांग्रेस ने अपनी इसी सोच की प्रौढ़ता की है।
देश में सत्ता की अपेक्षा सेवा और सजगता का भाव नरेन्द्र मोदी नीत एनडीए सरकार द्वारा भर दिए जाने से कांग्रेस और इसके रिश्तेदार राजनीतिक दलों को सत्ता उनके हाथ से स्थायी रूप से जाती दिखने के दबाव में कांग्रेस खुद-ब-खुद अपना चेहरा और अधिक बेनकाब करती जा रही है। शान्तिदूत ने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ने स्वतंत्र भारत के लगभग 71 साल के समय में से सर्वाधिक 55 वर्ष शासन किया है और इस दौरान देश की जनता गरीबी के गर्त में धकेली गई और अब राहुल गांधी को गरीबों की याद आ रही है।
मोदी सरकार ने जाति-वर्ग-क्षेत्र भाव से मुक्त नागरिकों के हित वाली सैकड़ों योजनाओं के माध्यम से देश की जनता का विश्वास जगाया है जिससे घबराकर कांग्रेस गरीबों के सक्षम होने के मार्ग में बाधा बनते हुए उन्हें झूठ के सहारे भ्रमित कर रही है। शान्तिदूत ने कहाकि कांग्रेस अपने घोषणापत्र में यह भी बताये कि वह गांधियों के दामाद राबर्ट वाड्रा पर भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप में क्या स्टैंड लेगी? कांग्रेस यह बताये कि जमानत पर चल रहे राहुल गांधी और सोनिया गांधी को क्या प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में लेकर चल रही है या नहीं? यदि कांग्रेस वास्तव में सही है तो वह जमानत पर चल रहे राहुल गांधी का नेतृत्व क्या कभी अस्वीकार कर सकती है?