कपूरथला गुरदासपुर

यह हैं चौधरी संतोख सिंह के सारथी,… चौधरी की कमान से लेकर चाणक्य की भूमिका मेंचौधरी के लिए पूरी रणनीति के अलावा रूठों को कैसे मनाना है पूरा गणित बनाती हैं

जालंधर। जालंधर लोकसभा सीट से चौधरी संतोख सिंह दोबारा कांग्रेस की टिकट पर मैदान में हैं। इस बार उनकी पत्नी डॉ. कर्मजीत कौर सारथी की भूमिका में मैदान में है। डायरेक्टर कॉलेज के पद से रिटायर होने वाली डॉ. कर्मजीत कौर ने 2014 में भी अपने पति के लिए जहां सारथी की भूमिका अदा की थी वहीं राजनीति में उनके लिए चाणक्य भी साबित हुयी थी। डॉ. कर्मजीत कौर चौधरी संतोख सिंह के जहां पूरी रणनीति तैयार कर रही है, वहीं कहती है अब एक टारगेट फिक्स है, वह है चौधरी संतोख को दोबारा सांसद बनाना है।

आर्मी के कैप्टन केहर सिंह की बेटी और कारगिल के हीरो ​बिग्रेडियर सुरिंदर  व डॉ. हरचरण की बहन डॉ. कर्मजीत कौर खालसा कालेज लुधियाना से स्नातक है और लु​धियाना से करने के बाद 1976 में पंजाब में सरकारी नौकरी में आ गयी। कर्मजीत कौर की शादी 19 दिसंबर 1976 को शादी चौधरी संतोख सिंह के साथ हो गयी, मेरे ससुर मास्टर गुरबंता सिंह उस समय पंजाब के कृषि मंत्री थे। आर्मी फैमली से राजनीति परिवार में आना काफी अलग सा था ले​किन 1977 में मैने राजनीति को सिखना शुरू कर दिया था। अतीत में जाते हुए बताती हैं कि मुझे याद है कि 1977 में चौधरी संतोख सिंह व ससुर मास्टर गुरबंता सिंह को जेल में बंद कर दिया गया था। उस समय चौधरी संतोख सिंह पंजाब यूथ कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट थे। एक माह तक चौधरी संतोख व ससुर मास्टर गुरबंता सिंह जेल में रहे, पीछे से जहां सरकारी नौकरी संभाली वहीं परिवार व उनकी राजनीतिक विरासत को भी। चूंकि आर्मी के परिवार से थी, इसलिए ज्यादा अनुशासन में रहना पसंद करती थी। सरकारी नौकरी में थी, इसलिए राजनीति में खुलकर नहीं आ सकती थी। 1977 के बाद पोस्टिंग जालंधर के स्पोर्टस कॉलेज में हो गयी, वहीं पर प्रिंसिपल और बाद में डायरेक्टर कॉलेज बनकर 2011 में रिटायर हो गयी।

सरकारी नौकरी से रिटायर होते ही खुलकर राजनीति मैदान में आ गयी। 2014 में चौधरी संतोख सिंह को सीट मिली तो उनको लोकसभा में पहुंचाना टारगेट था। जिसमें पूरी मेहनत जहां मेरी रही, वहीं मेरे बेटे विक्रम चौधरी उर्फ सन्नी ने भी पूरी भूमिका अदा की। चौधरी के लिए इस बार क्या योजना है ? इस पर डॉ. कर्मजीत कौर ने खुलकर खुलासा नहीं किया लेकिन इतना कहा कि अब घर रिश्तेदारों के हवाले है, अब ​सिर्फ उनके प्रचार की कमान संभालनी है। डॉ. कर्मजीत कौर का कहना है कि उनकी अपनी पूरी टीम है, जिसने अभी से अपना काम संभाल लिया है। चौधरी संतोख सिंह ने जनता के लिए काफी काम लिए हैं, उनको जनता के बीच लेकर जाना है। कांग्रेस में गुटबाजी है लेकिन परिवार है, हमारे सदस्य हैं। घर में किसी न किसी की नाराजगी होती रहती है, इसको हम संभाल लेंगे। लेकिन टारगेट फिक्स है कि चौधरी को दोबारा लोकसभा में पहुंचाना है।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *