चंडीगढ़ (हरीश शर्मा). आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और मैंबर पार्लियामेंट भगवंत मान ने कहा कि बठिंडा और फिरोजपुर लोक सभा हलकों के लिए कांग्रेसी उम्मीदवारों के चयन ने ‘कैप्टन-बादल’ की मिलीभुगत को फिर से पर्दाफाश कर दिया है।
पार्टी मुख्य दफ्तर द्वारा जारी बयान में भगवंत मान ने पंजाब के लोगों को सुचेत करते कहा कि बारी बांध कर सत्ता का आनंद लेने वाले अपने अपवित्र एजंडे पर चलते कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बादल परिवार के साथ एक बार फिर से अपनी दोस्ती निभा दी है।
भगवंत मान मुताबिक फिरोजपुर, बठिंडा और पटियाला में एक दूसरे का सहारा बनते हुए कैप्टन और बादलों ने 2017 की विधान सभा चुनाव अपनाया फार्मूला फिर से फार्मूला दोहराया है। 2017 में पटियाला, लम्बी और जलालाबाद में कैप्टन और बादलों ने जो फ्रेंडली मैच खेल कर आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवारों के मुकाबले आपस में एक-दूसरे को जिताया था। मान ने दावा किया कि यदि कैप्टन अमरिन्दर सिंह खुद लम्बी और कांग्रेसी संसद मैंबर रवनीत सिंह बिट्टू को जलालाबाद से कांग्रेसी उम्मीदवार न बनते तो न पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल और न ही सुखबीर सिंह बादल विधान सभा पहुंचते। मान ने दोष लगाया कि इस फ्रेंडली मैच के अंतर्गत बादलों ने पटियाला से नया और कमजोर उम्मीदवार ऐलान कर चुनावों के दौरान उसकी (जनरल जेजे सिंह) की पार्टी की तरफ से कोई मदद ही नहीं की और कैप्टन अमरिन्दर सिंह को जिता कर लम्बी और जलालाबाद वाली ‘डील डौल’ पूरी कर दी। भगवंत मान अनुसार यह सिर्फ ‘आप’ की तरफ से लगाए दोष नहीं बल्कि दीवार पर लिखा सच है, जिस की बाद में अकालियों और कांग्रेसियों के ‘सांझे’ उम्मीदवार और संसद मैंबर शेर सिंह घुबाया समेत कई अन्य नेताओं ने भी पुष्टि की है।
भगवंत मान ने कहा कि कांग्रेस ने बठिंडा से एक गैर-गंभीर नौजवान नेता राजा वडि़ंग और स्थानीय कांग्रेसियों के जबरदस्त विरोध के बावजूद अकाली से ताजा-ताजा कांग्रेसी बने शेर सिंह घुबाया को फिरोजपुर से उम्मीदवार बना कर बादल परिवार का रास्ता आसान करने की चाल चली है, परंतु ‘काठ की हड्डी, बार-बार चूल्हे पर नहीं चढ़ती’ और पंजाब के लोगों ने इस बार दोनों (कैप्टन -बादलों) को सबक सिखा देना है।
भगवंत मान ने कहा कि इसी फ्रेंडली मैच के कारण बादल अकाली दल ने अभी तक बठिंडा और फिरोजपुर से उम्मीदवार नहीं ऐलाने थे, अब बने हालातों के अंतर्गत कांग्रेस की तरफ से रास्ता साफ कर दिया गया है और हरसिमरत कौर बादल समेत बादल परिवार का कोई न कोई ओर मैंबर भी मैदान में उतर सकता है।