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देहात पुलिस से सवाल… मैं चोर था तो छोड़ा क्यों… अगर कोई कसूर नहीं तो मारा क्यों? एसएसपी के पास इंसाफ मांगने पहुंचा राम शबद

जालंधर, रोजाना भास्कर (हरीश शर्मा). बुलंदपुर थाने के पास रहने वाले फैजाबाद (यूपी) निवासी राम शबद को रविवार रात पुलिस ने थाने में उलटा लटकाकर पीटा। एमएलआर में पुलिस के जुल्म की दास्तां बिलकुल साफ दिखाई दी। राम सबद की पीठ पर पुलिस द्वारा बेल्ट से पीटे जाने के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। करीब 30 घंटे बाद भी देहात पुलिस ने आरोपी थाना मकसूदां के एएसआई बलविंदर सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिसने राम सबद पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया।
दरअसल थाना मकसूदां का एएसआई बलविंदर सिंह राम शबद को रविवार रात मोबाइल चोरी के आरोप में उसकी झोंपड़ी से उठाकर ले गया था। उठाया भी उस समय, जब वह अपने बच्चों के साथ खाना खा रहा था। उसे उलटा लटकाकर बेल्ट से मारा गया ताकि वह मान ले कि उसने मोबाइल चोरी किया है। दो घंटे के टार्चर के बाद एएसआई ने उसे छोड़ दिया लेकिन तशदद की दास्तां को लेकर अब तक पुलिस अधिकारी चुप हैं। अब सवाल सिर्फ इतना है कि राम शबद अगर मोबाइल चोरी का दोषी है तो उसे छोड़ा क्यों और अगर वह दोषी नहीं तो पीटा क्यों गया? एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई। यहां तक कि न ये मामला एसएचओ के, न डीएसपी के और न ही एसपी या एसएसपी के ध्यान में लाया गया। अब राम सबद पर पुलिस शिकायत न करने का दबाव बना रही है। क्या राम शबद को इंसाफ मिलेगा?

एसएसपी से की फरियादः राम शबद का कहना है कि उसके तीन बच्चे हैं और पुलिस ने उसे इस तरह पीटा है, जैसे वह कोई आतंकी हो। राम शबद ने एसएसपी देहात के पास शिकायत देकर एएसआई बलविंदर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उधर, एसएसपी आरपीएस संधू ने इस संबंध में डीएसपी करतारपुर की जांच के लिए ड्यूटी लगा दी है। अब देखना है कि पुलिस अपने कर्मचारी को बचाने की कोशिश करती है या किसी गरीब को इंसाफ दिलाकर पुलिस की साख को बरकरार रखती है।

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