- चुप होकर घर में बैठीं अधिकतर फीमेल वर्कर
- बाकी अपना कंधा ऊंचा दिखाने की कर रहीं कोशिश
- एक गुट बुन रहा प्रदेश प्रधान रीना जेटली को फेल करने का ताना-बाना
जालंधर। (हरीश शर्मा) भाजपा में सब कुछ सही नहीं, जहां सांपला व श्ववेत मलिक की लॉबी आपस में बंट गई है, वहीं महिला टीम भी पीछे नहीं है। सांपला के कार्यकाल में भाजपा की प्रधान रही मोना जायसवाल का चेहरा दिखाई नहीं दे रहा है। यही नहीं उनकी टीम की अधिकतर महिला नेत्रियां भी या तो चुप होकर घर बैठ गयी हैं या फिर अपना कामकाज ही अलग चला रही हैं।
जालंधर की महिला प्रधान सुखराज कौर तो चुनाव बीच में छोड़कर विदेश यात्रा पर निकलने की तैयारी में है। वह केडी भंडारी की जबरदस्त समर्थक मानी जाती है। जबकि मोना जयसवाल के साथ चलने वाली उर्मिल वैद्य जोकि प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुकी हैं, उन्होंने मिशन मोदी अगेन कैंपेन की जिम्मेदारी संभालकर पंजाब में अपनी समांतर इकाई रीना जेटली के मुकाबले खड़ी करनी शुरू कर दी है। एकता नागपाल ने सीधी प्रदेश प्रभारी लक्कीका शर्मा के साथ गोटी फिट कर रखी है, वह जहां मोना जयसवाल के कंधे के साथ कंधा मिलाकर चलती थी, अब रीना जेटली से दूर चल रही है, उनके किसी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रही है। फाजिल्का से सरगर्म मनप्रीत कौर तो कनाडा की तरफ चली गयी है, वह भी मोना की टीम का स्तंभ थी। भाजपा महिला मोर्चा की मोना की टीम की नेक मिन्साह, डिंपल, प्रीति तनेजा, पटियाला से नौलखा भी कार्यक्रम में दिखाई नहीं देती हैं। जालंधर से ऊषा शर्मा व ऊषा महंत भी घर बैठ गई हैं। अंबिका बजाज भी फील्ड से निकल गई हैं।
दरअसल, मोना जयसवाल को केंद्रीय मंत्री विजय सांपला की तरफ से तैनात किया गया था और उन्होंने अपनी मजबूत टीम का गठन किया था। इस महिला टीम ने गुरदासपुर उपचुनाव में भी काफी काम किया लेकिन बाद में जब केंद्रीय मंत्री विजय सांपला के पास से प्रधान की कुर्सी गई तो नवनियुक्त प्रधान श्वेत मलिक ने रीना जेटली को प्रदेश प्रधान बना दिया। रीना ने काम करना शुरू कर दिया और अपने बल पर पूरी टीम प्रदेश में तैयार कर ली लेकिन मोना जयसवाल की पूरी टीम ने किनारा कर लिया। प्रदेश महिला भाजपा में इस समय सबसे अधिक गर्माहट चल रही है कि रीना जेटली को कैसे फेल किया जाना है, इसके लिए पूरा ताना बाना एक गुट द्वारा बुना जा रहा है।