कांग्रेस घोषणा पत्र जारी, किसान, गरीब, बेरोजगार और युवाओं के लिए कई वादे किए
नई दिल्ली. कांग्रेस ने सत्ता में आने पर कृषि के विकास के लिए अलग से बजट लाने , बैंक का कर्ज नहीं चुकाने वाले किसानों को आपराधिक मामले से बाहर रखने तथा कृषि क्षेत्र में आवश्यक सुधारों के लिए राष्ट्रीय आयोग गठित करने का वादा किया है । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में चुनाव घोषणा पत्र ‘ जन आवाज ’ जारी करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के सत्ता में आने पर कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए अलग से किसान बजट लाया जायेगा । कृषि ऋण चुकाने में असमर्थ किसानों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज नहीं किये जायेंगे ।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कर्ज नहीं चुकाने वाले किसानों को जेल में डाल दिया जाता है जबकि दूसरी ओर कुछ व्यवसायी कर्ज लेकर देश छोड़ कर फरार हो जाते हैं । उनकी पार्टी जिन राज्यों में सत्ता में आयी है उन राज्यों में किसानों के कर्ज को माफ किया गया है ।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र के विकास की योजनाओं और कार्यक्रम बनाने के लिए एक स्थायी राष्ट्रीय आयोग “कृषि विकास और योजना आयोग” की स्थापना की जायेगी । इसके साथ ही “कृषि श्रमिकों और सीमान्त किसानों” के लिए नीतियां और कार्यक्रम बनाने के लिए सलाह देने के वास्ते एक आयोग गठित किया जायेगा । देश में डेयरी और पॉल्ट्री उत्पादों को दोगुना करने के लिए एक राष्ट्रीय परियोजना की शुरूआत भी की जायेगी ।
पार्टी ने मोदी सरकार की फसल बीमा योजना को असफल बताते हुए कहा कि उनकी सरकार इस बीमा योजना को पूरी तरह से बदल देगी । कृषि से सम्बन्धित अध्यापन, अनुसंधान और विकास, कृषि सम्बधी मौलिक विज्ञान, प्रायोगिक विज्ञान और तकनीकी के लिए आवंटित धन को अगले पांच साल में दोगुना किया जायेगा तथा देश के प्रत्येक राजस्व प्रभाग में कृषि विद्यालय और पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी।
घोषणापत्र में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को उद्धृत करते हुए कहा गया है कि “सब कुछ इन्तजार कर सकता है पर कृषि नहीं। ” इसमें कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान कृषि क्षेत्र गहरे संकट में चला गया है। पिछले चार साल में उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया गया, फसल खरीद केन्द्र या तो थे ही नहीं या वहाँ पर पूरी तरह से खरीद हुई ही नहीं है, किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया, कृषि लागत लगातार बढ़ती गई, और नोटबन्दी ने नकद आधारित कृषि व्यवस्था को झकझोर दिया ।
राहुल गांधी ने बताया, प्रधानमंत्री ने कहा था कि 15 लाख रुपये एकाउंट में डाले जाएंगे जो एक जोक था। उन्होंने कहा कि जब हमने इसकी सच्चाई निकाली कि सरकार लोगों के बैंक आकउंट में कितने पैसे हर साल डालती है। तो पता चला कि 72 हजार रुपये डाले जाते हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने फैसला किया कि गरीब लोगों के खाते में हम 72 हजार रुपये डाले जाएंगे। पहली बार किसानों और गरीबों के खाते में 72 हजार रुपये जाएंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि दूसरा सबसे बड़े मुद्दा है रोजगार और किसान। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार ने दो करोड़ रोजगार तो नहीं दिए हैं, फिर हमने पता किया कि कितना रोजगार दिया जा सकता है। तो हमें पता चला कि 22 लाख सरकारी पद खाली पड़े है जो हमारी सरकार बनने के बाद 20 मार्च 2020 तक भर देंगे। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में 10 लाख पद खाली है और यहां युवाओं को नौकरी दी जाएगी। युवाओं को बिजनेस खोलने के लिए कोई मंजूरी नहीं लेनी होगी। मनरेगा के तहत 150 दिन काम की गारंटी करेंगे जबकि यह अभी 100 दिन है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारी सरकार बनने पर हम जीडीपी का छह प्रतिशत बजट शिक्षा में दिया जाएगा। आईआईटी, आईआईएम सब लोगों को उपलब्धता कराए जाएंगे जबकि एनडीए की सरकार ने उसे घटाया है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट इंशोरेंस पर भरोसा नहीं करते हैं। हमारी सरकार बनने पर हम सरकारी बीमा को मजबूत करेंगे और गरीब से गरीब व्यक्ति को अच्छा इलाज मुहैया कराएंगे।
लोकसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणापत्र में किसान, गरीब, बेरोजगार और युवाओं के लिए कई वादों के साथ ही राजद्रोह और पूर्वोत्तर के राज्यों में सुरक्षाबलों को विशेष अधिकार देने वाले सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (अफस्पा) की धारा को खत्म करने का ऐलान किया है। कांग्रेस के घोषणापत्र ‘हम निभाएंगे’ में कहा गया है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो देशद्रोह के अपराध को परिभाषित करने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को खत्म किया जाएगा।