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कांग्रेस और अकाली दल की अंदर की राजनीति…चौधरी वर्सेस केपी… अटवाल के लिए बदले चुनावी समीकरण

जालंधर (हरीश शर्मा). कांग्रेस और अकाली उम्मीदवार आमने सामने हो चुके हैं लेकिन इनको अंदरूनी फूट और अंदरूनी स्पोर्ट से ही फायदा या घाटा होने वाला है। अभी तक कांग्रेस का ग्राफ ऊंचा जा रहा था लेकिन सांसद चौधरी संतोख सिंह को टिकट मिलने और पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह की केपी को अनदेखा करने से आने वाले समय में अकाली उम्मीदवार लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर डा. चरनजीत सिंह अटवाल के लिए यह फायदे का सौदा हो सकता है। मोहिंदर सिंह केपी दिल्ली से लौट चुके हैं लेकिन चुप हैं। माना जा रहा है कि यह तूफान से पहले की शांति है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे यह शांति ज्वारभाटे का रूप धारण करेगी। कुछ ही दिन में कैप्टन अमरिंदर सिंह जालंधर आने वाले हैं और क्यास लगाए जा रहे हैं कि केपी को मनाने की भरपूर कोशिश की जाएगी। अगर केपी मान जाते हैं तो ठीक नहीं तो यह सौदा चौधरी संतोख सिंह के लिए महंगा पड़ सकता है।
उधर, अकाली दल के जिला प्रधान और एसजीपीसी मेंबर कुलवंत सिंह मन्नण रुटीन में अपने प्रत्याशी अटवाल के साथ लगातार मीटिंगों में जा रहे हैं। सुबह से शुरू होने वाला मीटिंगों का दौर देर शाम तक जारी है। पहले लग रहा था कि अकाली-भाजपा देहाती एरिया में पहले की ही तरह मजबूत है और सिटी में कमजोर है लेकिन अकाली-भाजपा नेता और वर्कर मीटिंगों के जरिये लोगों को अपनी तरफ खींचने का प्रयास कर रहे हैं। इन मीटिंगों में भाजपा के लोकल लीडर भी कुलवंत सिंह मन्नण के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। 20 अप्रैल को होटल इंद्रप्रस्थ में इंडस्ट्रियल मीटिंग 3 बजे, लैदर कांप्लेक्स में 5 बजे, कमलजीत भाटिया की तरफ से बुलाई गई डा. गोयल वाली गली नजदीक पार्क में 7 बजे, कमल शर्मा की तरफ से 8 बजे माडल हाउस में की जा रही मीटिंग में 8 बजे जनसमूह को संबोधित करेंगे।

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