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चंडीगढ़ । Harish Sharma
DGP गौरव यादव को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) से बड़ी राहत मिली है।
कैट ने राज्य के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और पूर्व डीजीपी वीके भावरा की डीजीपी पद पर तैनाती के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इस संबंध में विस्तृत आदेश जल्द आएगा।
दरअसल, विवाद तब शुरू हुआ जब राज्य सरकार ने 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी वीके भावरा को हटाकर गौरव यादव को डीजीपी बनाया। इसके बाद उनकी ओर से कैट में याचिका दायर की गई।
इसमें उन्होंने कहा था कि डीजीपी बनाने के लिए यूपीएसई के नियमों को तोड़ा गया। नियमों का ठीक से पालन नहीं किया गया। यह मामला करीब एक साल से कैट में चल रहा था।
नियुक्ति को चुनौती दी गई थी
वीके भावरा ने याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, पंजाब सरकार और यूपीएससी को पक्ष बनाया था। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि गौरव यादव लंबे समय से इस पद पर तैनात हैं।
जबकि नियमानुसार न तो अधिकारियों का पैनल यूपीएससी को भेजा गया है और न ही पैनल के आधार पर गौरव यादव की नियुक्ति की गयी है। उन्होंने गौरव यादव की वरिष्ठता पर भी सवाल उठाए। गौरव यादव 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि वहां गौरव यादव से भी सीनियर अधिकारी मौजूद हैं।